निश्छल निर्विकार युग उत्कर्ष का पल पल पग भाग्य भारत का स्वाभिमान लिखूंगा ।। निश्छल निर्विकार युग उत्कर्ष का पल पल पग भाग्य भारत का स्वाभिमान लिखूंगा ।।
मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है। मगर तू कट्टर बनता है, तो यह हम सब को धोखा है।
नफरत न फैल जाए, संभल जाओ चमन वालों । कुछ दौर ही ऐसा है सब , मिल के संभालो। नफरत न फैल जाए, संभल जाओ चमन वालों । कुछ दौर ही ऐसा है सब , मिल के संभालो।
की एकता का भारत नेता के नियत का भारत विश्वगुरु बेमिशाल रहे। की एकता का भारत नेता के नियत का भारत विश्वगुरु बेमिशाल रहे।
जलती रही मैं विरह वेदना में उर्मिला के रूप में, चौदह वर्ष अपने प्रियतम से दूर रहकर। जलती रही मैं विरह वेदना में उर्मिला के रूप में, चौदह वर्ष अपने प्रियतम से दूर र...
अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती हैं बेबाक औरतें बहुत ... अंदर अंदर कुछ कचोटता है खुलेपन की बिंदास मुस्कुराहट ओढे़ खुद ही खुद से लड़ती है...